किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो रेल पटरियों को रोका जाएग
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान में कहा की । "हम खुलकर बात कर रहे हैं, चर्चा चर्चा करने के लिए तैयार है। । उदर किसान संगठनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, "अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम रेल पटरियों को बंद कर देंगे। और हम इस बात को जल्दी पूरा करेगे।
किसान संगठन ने और कहा की उन्होने दिसम्बर 10 तक का अल्टीमेटम दिया है । अगर वे हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग रेल पर होंगे। संयुक्ता किसान मंच तारीख तय करेगा और घोषणा करेगा। भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अगर कृषि एक राज्य का विषय होता, तो केंद्र सरकार को उस पर कानून बनाने का अधिकार नहीं था। केंद्र सरकार ने माना है कि कानून कारोबारियों के लिए बनाए गए हैं।
यह याद किया जा सकता है कि कल सरकार द्वारा किसानों को एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे किसान संगठनों ने भी अस्वीकार कर दिया था। किसान केवल कृषि कानूनों को दोहराने पर अड़े हैं। बड़ी संख्या में किसान पिछले 14 दिनों से दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज आंदोलन का 15 वां दिन है। हालांकि सरकार ने बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है, लेकिन किसान अड़े हैं।

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